बाहरी राज्यों से चंडीगढ़ आने वाले वाहनों को अब चुकाना होगा कंजेशन टैक्स

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हिमाचल। चंडीगढ़ में आए दिन वाहनों की काफी भीड़ देखी जा रही है, हर एक व्यक्ति के पास अपनी गाड़ी होने के कारण वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, वाहनों के बढ़ने से प्रदूषण जैसी समस्या तो सामने आ ही रही है, साथ ही सड़कों पर वाहनों की लंबी- लंबी लाइनें खड़ी होने से आम जन को काफी नुकसान भी हो रहा है।

बाहरी राज्यों के वाहनों को नहीं मिलेगा सीधा प्रवेश

चंडीगढ़ राजधानी होने के कारण यहां पर वाहनों की लंबी- लंबी कतारें लगी रहती है। ऐसे में अब चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा फैसला लिया गया है, कि चंडीगढ़ में बाहरी राज्यों से प्रवेश करने वाले वाहनों को सीधा प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बाहरी राज्यों के वाहनों को हिमाचल प्रदेश व दिल्ली की तर्ज पर पहले कंजेशन टैक्स की पर्ची कटवानी होगी, तब इन्हें चंडीगढ़ में प्रवेश दिया जाएगा। चंडीगढ़ में हर दिन लगभग दो लाख के आसपास दूसरे राज्यों के वाहन आते है, और इन वाहनों का पंजीकरण चंडीगढ़ की बजाए दूसरे राज्यों में किया जाता है।

चंडीगढ़ में पहली बार लगेगा कंजेशन टैक्स

पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ होने के कारण यहां पर सबसे ज्यादा वाहन भी इन दोनों राज्यों के ही आते है, लेकिन इनके अलावा यहां पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वाहनों की भी काफी संख्या देखी जाती है। अब इन सभी वाहनों को चंडीगढ़ में प्रवेश लेने से पहले कंजेशन टैक्स देना पड़ेगा, तभी जाकर यह चंडीगढ़ में आ पाएंगे। टैक्स लगाने की पूरी तैयारी चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कर ली गई है। चंडीगढ़ में पहली बार कंजेशन टैक्स लगाया जा रहा है। आए दिन निजी वाहनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, एक गाड़ी में केवल एक ही व्यक्ति बैठा हुआ है, वहीं पांच से नौ सीट की गाड़ी में भी एक व्यक्ति सफर कर रहा है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आ रही कमी

इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी कमी आ रही है, लेकिन अब इन वाहनों को सड़कों से हटाने के साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए भी कंजेशन टैक्स लगाया जा रहा है। कंजेशन टैक्स के जरिए प्रशासन चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सीटीयू बसों में सफर करें, और अपने निजी वाहनों को छोड़े। निजी वाहनों के होने से कोई भी सीटीयू का सफर तय नहीं कर पा रहा है, जिस कारण बसों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही वाहनों की बढ़ती संख्या से प्रदूषण संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

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