वायुसेना की ताकत को नई दिशा देने के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किया जा रहा ‘त्रिशूल सैन्य अभ्यास’

Spread the love

नई दिल्ली, 2 सितंबर 2023: भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान के साथ बॉर्डर पर अपनी लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘त्रिशूल सैन्य अभ्यास’ का आयोजन किया है, जो 4 से 14 सितंबर तक 11 दिनों तक चलेगा। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के मुख्य लड़ाकू विमान जैसे कि राफेल, सुखोई Su-30 MKI, जगुआर, मिराज-2000, मिग-29 और मिग-21 बाइसन भाग लेंगे।

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं को परीक्षण करना और विभिन्न परिचालन आयामों का मूल्यांकन करना है, जिससे भारत की वायु सुरक्षा को और भी मजबूती प्राप्त हो सके।

इस अभ्यास के दौरान, भारतीय वायुसेना ने नए विमान राफेल को भी शामिल किया है, जो वायुसेना की ताकत को और भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस अभ्यास में हमलावर हेलीकॉप्टर, हवा में ईंधन भरने वाले, AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान और अभ्यास के लिए परिवहन बेड़े भी तैनात किए जाएंगे।

इस अभ्यास का फलस्वरूप, वायुसेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी और वायु सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की साख को और भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा।

इस अभ्यास का आयोजन चीन और पाकिस्तान के साथ लगने वाली उत्तरी, उत्तर-पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर 11 दिनों के लिए किया गया है, और यह वायुसेना के तरफ से एक महत्वपूर्ण कदम है जो राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूती और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *