गोबिंद सागर झील में हुआ दर्दनाक हादसा, सात लोगों की गई जान, सीएम जयराम ठाकुर ने जताया दुख
हिमाचल। ऊना जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बंगाणा के कोलका गांव में बीते दिन एक दर्दनाक हादसा हो गया, हादसे में पंजाब के बनूड़ कस्बे के रहने वाले सात लोगों की मौत हो गई। मृतक सात लोगों में से छह विद्यार्थी थे, व एक युवक था। युवक दुकानदार था। दरअसल पंजाब के बनूड़ कस्बे के 11 लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर बिलासपुर के श्री नयना देवी मंदिर में दर्शन करने आए थे, यह सभी मंदिर में दर्शन करने के बाद रायपुर मैदान मार्ग पर स्थित कोलका गांव में पहुंचे, यहां से यह सभी बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए जा रहे थे।
नहाने के लिए उतरे थे झील में
जैसे ही सभी मंदिर की ओर बढ़े, वैसे ही इन्हें रास्ते में झील दिखाई दी। सभी ने पहले झील में नहाने की इच्छा व्यक्त की, सभी उतरे, और झील में नहाने के लिए पहुंचे। झील में किनारों पर कम पानी है, जिससे झील के पानी का भांपा नहीं जा सकता। इन युवकों में से एक झील में गया, और डूबने लग गया, बाकी सभी एक- दूसरे का हाथ पकड़कर उसे बचाने के लिए बढ़े, लेकिन झील में पानी इतना गहरा था, कि इनका बेलेन्स खुद ही बिगड़ने लग गया।
बीबीएमबी के गोताखोरों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाले शव
इनमें से एक का हाथ छूट गया, जिससे यह सातों झील में डूबने लग गए। इन के चार साथी जो झील के किनारे खड़े थे, उन्होंने शोर मचाना शुरु कर दिया, ग्रामीण इनका शोर सुन मौके पर पहुंचे, लेकिन किसी को बचा नहीं पाए, तब तक यह सातों झील में डूब गए थे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना एसपी अर्जित सेन व एसडीएम बंगाणा योगराज को दी, जिसके बाद सभी मौके पर पहुंचे, और बीबीएमबी के गोताखोरों ने लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इन सातों के शवों को झील से बाहर निकाला।
इससे पहले भी झील में कई जान जा चुकी है
सीएम जयराम ठाकुर ने इस घटना पर दुख जताता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरी घटना में कहीं न कहीं प्रशासन जिम्मेदार है, क्योंकि झील के पास कुछ भी चेतावनी बोर्ड या फिर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। झील में पानी काफी गहरा है, जिसकी गहराई भांपी नहीं जा सकती। इससे पहले भी यहां बाहर से आने वाले कई यात्रियों की जान जा चुकी है, लेकिन प्रशासन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा।