सोलन सब्जी मंडी में टमाटर के गिरते दाम ने रुलाए किसान, 55 रु. किलो से घटकर पहुंचा 15 रुपये पर

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हिमाचल। लोगों को एक ओर जहां बढ़ती महंगाई ने परेशान करके रखा है, तो वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए राहत भरी खबर भी सामने आई है, लेकिन अब अचानक से टमाटर के दाम कम होने पर किसानों के आंखों से आंसू आने लग गए है। किसान जहां दिन- रात मेहनत करके फसल उगाते है, और उसके बाद उसके अच्छे दामों की सोचते है, लेकिन जब उन्हें उनकी मेहनत का मीठा फल नहीं मिल पाता, तो किसानों के चेहरों पर वह मायूसी साफ तौर से देखी जाती है। टमाटर के दाम जहां एक सप्ताह पहले 55 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंचे हुए थे, वहीं अब इनका रेट घटकर 15 रुपये पर पहुंच गया है।

दो रुपये किलो के भाव से मंडी में बिक रहा सी ग्रेड का टमाटर

सी ग्रेड के टमाटर की बात करें तो आज यह दो रुपये किलो के भाव से मंडी में बिक रहा है। टमाटर का रेट कम होने से किसानों को इतना नुकसान हुआ कि उनका मंडी तक जाने का किराया भी वसूल नहीं हुआ। टमाटर के घटते रेट से अभी कुछ कहा नहीं जा सकता कि कब तक रेट में इजाफा होगा। देशभर की मंडियों में इन दिनों बेंगलुरु व नासिक का टमाटर पहुंच रहा है, जिसकी वजह से हिमाचली टमाटर की डिमांड कम होने लग गई है। उपभोक्ताओं को तो दाम कम होने से राहत मिली है, लेकिन किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।

रेट में गिरावट आने की मुख्य वजह बाहरी राज्यों के टमाटर

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन होता है, वहीं इस वर्ष भी किसानों ने 5100 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की फसल लगा रखी है। शुरुआती दिनों में किसानों को टमाटर का अच्छा रेट मिला, लेकिन अब रेट कम होने से किसान काफी मायूस है। मार्किट कमेटी के सचिव रविंद्र शर्मा द्वारा बताया गया कि टमाटर के रेट में गिरावट आने की मुख्य वजह बाहरी राज्यों से आने वाले टमाटर है। किसानों को उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिए, टमाटर का उचित रेट किसानों को मिले इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।

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