कश्मीर में 3 साल में सबसे बड़ा आतंकी हमला: कर्नल-मेजर और कश्मीर पुलिस के DSP शहीद, एक जवान लापता; सेना ने 2 दहशतगर्दों को घेरा
कश्मीर में त्राजेदी के दिनों एक आतंकी हमले के चलते एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में आर्मी और पुलिस के 3 अफसर शहीद हो गए हैं। इस आतंकी हमले में अफसरों के साथ एक जवान भी लापता है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घड़़ी में, कश्मीर के गाड़ोल में आतंकी समूह के सदस्यों की मौजूदगी की जानकारी के बाद, सेना और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन की शुरुआत की थी।
13 सितंबर को, जब आतंकी समूह की तलाश शुरू की गई, वहां पर आतंकी ने एक घने जंगल में घातक हमला किया, जिसमें अंधाधुंध फायरिंग हुई। इस हमले में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गए। कर्नल मनप्रीत मोहाली के और मेजर आशीष पानीपत के रहने वाले थे, जबकि DSP हुमायूं भट त्राल के रहने वाले थे।
शहीद DSP के अंतिम संस्कार की तस्वीरें..
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित रेजिस्टेंट फ्रंट ने ली है। अफसरों का मानना है कि ये वही आतंकी हैं, जिनसे 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में मुठभेड़ में 3 जवानों की शहादत हुई थी। यह कश्मीर में पिछले तीन साल में सबसे बड़ा आतंकी हमला है, और इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हो गए थे।
पुलिस ने बताया है कि अनंतनाग में लश्कर के 2 आतंकी छिपे हैं, जिन्हें सेना ने घेर लिया है। इनमें से एक नागम कोकरनाग का रहने वाला उजैर खान है। उजैर, पिछले साल जुलाई में लश्कर से जुड़ा था।
DSP हुमायूं भट त्राल के रहने वाले थे, और पिछले साल ही उनकी शादी हुई थी। उनका एक 2 महीने का बेटा था।