जिला सिरमौर में स्कूली बच्चों ने अपने शिक्षक के साथ मिलकर विकसित की एक नई तकनीक, जानिए

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हिमाचल।  प्रदेश के सिरमौर जिले के सरकारी स्कूल के बच्चों ने अपने शिक्षक के साथ मिलकर एक नई तकनीक को विकसित किया है, जी हां आप भी इस तकनीक के बारे में जानकर हैरान हो जाएंगे। दरअसल सिरमौर जिला के माजरा शिक्षा खंड के नौरंगाबाद स्कूल के बच्चों ने स्कूल के मुख्याध्यापक संजीव अत्री के मार्गदर्शन में मिट्टी, शैवाल, भूसे व साल के वृक्ष की पत्तियों को मिलाकर एक देसी प्राकृतिक परिरक्षक तैयार किया।

फल, सब्जियां रह सकती है हफ्तेभर तक ताजा

यह मिट्टी का बना हुआ परिरक्षक फल, सब्जियों को हफ्तेभर तक तरोताजा रख सकता है। हिमाचल प्रदेश में अब बिना फ्रीज के भी फल व सब्जियों को लंबे समय तक तरोताजा रखा जा सकता है। यह फ्रीज से लाख गुना लाभकारी भी है, बच्चों व अध्यापक की इस अनोखी पहल से सभी हैरान है, और इससे भी ज्यादा हैरानियत तब हुई थी, जब स्कूल में इन मिट्टी के बर्तनों पर एक हफ्ते के लिए फल और सब्जियों को रखा गया, और एक हफ्ते बाद जब इन सब्जियों और फलों को निकाला गया तो यह पूरी तरह से ताजा थे।

देसी फ्रीज का काम कर रहा यह प्रयोग

स्वाद में भी किसी प्रकार का कोई खोट नहीं था, वहीं ताजा स्वाद फलों में मिला, औऱ सब्जियां भी पूरी तरह से ताजा थी। एक तरह से यह प्रयोग देसी फ्रीज का काम करेगा। दावा यह भी यह कि ऐसे बर्तनों में रखे गए फल व सब्जियों को तीन महीने तक भी ताजा रखा जा सकता है। फिलहाल, इस पर और प्रयोग किया जा रहा है। स्कूल स्तर पर इस तरह के प्रयोग से हर कोई खुश है, सभी बच्चों व अध्यापक के इस कदम को सहार रहे है।

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