शेयर बाजार में आगामी हफ्ते के उतार-चढ़ाव की संभावना
विश्लेषणकर्ताओं के अनुसार, रिटेल और थोक महंगाई के डेटा से लेकर FOMC मिनट्स तक, यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल शेयर बाजार में अगले हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
एनालिस्टों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI इन्फ्लेशन यानी रिटेल महंगाई) डेटा, होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI इन्फ्लेशन यानी थोक महंगाई) डेटा, FOMC मिनट्स, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा प्वाइंट्स, FII इनफ्लो और क्रूड ऑयल प्राइस पर बाजार की नजर रहेगी।
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेगा, हालांकि, हफ्ते के बाकी 4 दिन बाजार में कारोबार होगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘किसी बड़े ट्रिगर और अनसर्टेन ग्लोबल क्यूज के अभाव में हमें उम्मीद है कि बाजार इस दायरे में मजबूत होगा।’
उनका मानना है कि भारत के इन्फ्लेशन डेटा से पहले बाजार सावधानी से कारोबार करेगा। उनका कहना है कि मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के कारण बाजार में रौनक फीकी रह सकती है।
इस हफ्ते आने वाले डेटा प्वाइंट्स में शामिल हैं:
- 14 अगस्त को आने वाले जुलाई के CPI इन्फ्लेशन (रिटेल महंगाई) डेटा, जिसमें सब्जियों की ऊंची कीमतों की बढ़त की चिंता है।
- 14 अगस्त को होने वाले जुलाई के WPI इन्फ्लेशन (थोक महंगाई) डेटा।
- 15 अगस्त को आने वाले बैलेंस ऑफ ट्रेड डेटा।
- 16 अगस्त को जारी होने वाले FOMC मीटिंग के मिनट्स, जो ग्लोबल निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा प्वाइंट्स में शामिल हैं:
- अमेरिकी रिटेल सेल्स डेटा और चीन की रिटेल सेल्स और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े।
- यूरोप, यूनाइटेड किंगडम और जापान के मंथली इन्फ्लेशन डेटा पर भी ट्रेडर्स की नजर रहेगी।
रुपया की मूड बदलने के संकेतों के साथ, आने वाले हफ्ते में विनिमय बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना है।
पिछले कुछ हफ्तों में रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोरी दिखाने के बावजूद, अगले हफ्ते की संकेतों में मूड स्विंग की संभावना है।
पिछले हफ्ते रुपया ने डॉलर के मुकाबले कुछ मामूली कमजोरी दिखाई और 83 के स्तर पर पहुंचकर 82.85 के स्तर पर बंद हुआ। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण शामिल हैं:
- क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी का प्रभाव: क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ती तेजी ने रुपया को प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्रूड ऑयल की मूल्यों में उतार-चढ़ाव से जुड़े रुपया के स्तरों की स्थिरता पर नजर रहेगी।
- विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ: विदेशी निवेशकों के शेयर बाजार में निवेश में बदलाव के बावजूद, रुपया के प्रति डॉलर में कमजोरी दिखाई दी है। अगले हफ्ते की उनकी निवेश गतिविधियों पर नजर रहेगी, जो रुपया की मूड पर प्रभाव डाल सकती है।
- विदेशी मुद्राओं के प्रति विनिमय दरों की चाल: विदेशी मुद्राओं के प्रति रुपया की विनिमय दरों की चाल भी मूड में बदलाव ला सकती है। आने वाले हफ्ते में विदेशी मुद्राओं के प्रति रुपया की दिशा-निर्देश उतार-चढ़ाव के साथ बदल सकती है।
इन तत्वों के साथ-साथ, आने वाले हफ्ते में विदेशी मुद्राओं की गतिविधियों, क्रूड ऑयल की कीमतों, और फाइनेंशियल बाजारों की स्थिति पर रुपया की मूड स्विंग की संभावना है। विनिमय बाजार के निवेशकों के लिए, रुपया के प्रति डॉलर की दिशा-निर्देश पर नजर रखना महत्वपूर्ण हो सकता है।