हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भूकंप से निपटने के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट हुआ स्वीकृत

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हिमाचल। प्रदेश भूस्खलन व भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील माना जाता है, वहीं अब मानसून शुरु होने से यहां पर भूस्खलन जैसी घटनाएं अधिक तौर पर होती है। बीते दिनों कई स्थानों पर भूस्खलन होने से जन- धन की काफी हानि हुई है। प्रदेश को भूस्खलन व भूकंप से निपटने के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। जल्द ही यह राशि मिलनी शुरु हो जाएगी। इतना ही नहीं राज्य ने एक हजार करोड़ रुपये का एक अन्य प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए केंद्र को भेज दिया है।

67 संवेदनशील स्थानों पर लगाए गए अर्ली अलार्मिंग सिस्टम

उम्मीद जताई जा रही है, कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति मिल जाएगी। इन प्रोजेक्टों के माध्यम से भूस्खलन वाले स्पाट का सुधार किया जाएगा, साथ ही उस स्थान पर किसी प्रकार की कोई आपदा न आए, इसके लिए अर्ली अलार्मिग सिस्टम के साथ आवश्यक सुधार किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में लगभग 17 हजार के करीब स्थान ऐसे है जो भूस्खलन के लिए संवेदनशील माने जाते है। प्रदेश के किन्नौर, कुल्लू, मंडी व कांगड़ा में 67 संवेदनशील स्थानों पर आइआइटी मंडी के साथ मिलकर 67 अर्ली अलार्मिंग सिस्टम लगा दिए गए है।

संवेदनशील स्थानों का किया जाएगा सुधारीकरण 

मानसून के समय प्रदेश में काफी नुकसान होता है, पिछले वर्ष की बात करें तो तब यहां पर मानसून के समय 1151 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, वहीं हर वर्ष 900 करोड़ से अधिक का नुकसान यहां पर देखा जाता है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक सुदेश मोख्टा द्वारा बताया गया कि इन प्रोजेक्टों के माध्यम से संवेदनशील स्थानों को सुधारा जाएगा, साथ ही जान- माल के नुकसान को भी कम किया जाएगा।

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