रक्षा बंधन 2023: क्या दो दिन मनाया जाएगा रक्षा बंधन का त्योहार ?

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नई दिल्ली, 26 अगस्त 2023: रक्षा बंधन, भाई-बहन के प्रेम का पर्व, इस बार एक अद्वितीय महत्वपूर्ण घटना के साथ मनाया जाएगा। सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जा रहा है यह पर्व, लेकिन इस बार ‘भद्रा’ का साया होने के कारण यह त्योहार दो दिन तक बढ़ा दिख रहा है। भद्रा का समय सुबह 10:58 से शुरू होकर रात 09:01 तक रहेगा, जिसका असर इस त्योहार के आयोजन पर दिखाई दे रहा है।

रक्षा बंधन का त्योहार हर साल भाई-बहन के आपसी प्रेम और सद्भावना को उत्कृष्ट ढंग से दर्शाता है। इस पर्व में बहन अपने भाई की कलाई पर ‘राखी’ बांधकर उनकी सुरक्षा की कामना करती हैं, जिसका उत्तरधिकारी भाई उन्हें बहनी की प्रेम और आशीर्वाद से सजीव रखता है।

भद्रा का महत्व

भाद्रा का महत्व धार्मिक और पौराणिक कथाओं में व्याप्त है। कहा जाता है कि भद्रा भगवान सूर्य की बेटी हैं और उनकी न्यायप्रियता की प्रतीक हैं। वे अपने भाई शनिदेव की तरह ही न्याय की पालना करती हैं और किसी भी गलती को बर्दाश्त नहीं करती हैं। इसी कारण से उनके समय में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है और उनके ‘भद्राकाल’ में भगवान शिव भी गुस्से में तांडव करते हैं।

विभिन्न कथाएं

कई पौराणिक कथाएं भद्राकाल में हुई घटनाओं को वर्णन करती हैं। एक कथा के अनुसार, सूपनखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में राखी बांधी थी, जिससे उनके कुल का विनाश हो गया था। इसी तरह, अन्य कथाओं में भी भद्राकाल में शुभ काम करने से बचाव की गई है।

समापन

इस रक्षा बंधन पर्व में, भाई-बहन का प्रेम और सद्भावना का संदेश फिर से प्रकट हो रहा है। भद्रा का महत्व इसे एक और दरबार देता है और इस समय में शुभ कामों से बचने की यात्रा पर लोगों को ध्यान दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से, हम एक बार फिर से अपने प्रियजनों के साथ एकजुट होने का अवसर प्राप्त करते हैं।

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