राहुल गांधी की संसद में तेज़ और चुनौतीपूर्ण भाषण, मोदी सरकार पर हमला

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विशेष सत्र के दूसरे दिन संसद में चल रहे अविश्वास प्रस्ताव की बहस में राहुल गांधी की स्पीच ने महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचाया। स्पीकर की सीट पर खड़े होकर राहुल गांधी ने भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों को घेरते हुए एक व्यापक स्पीच दिया।

राहुल गांधी ने आवाज़ बढ़ाते हुए कहा, “पिछली बार जब मैं बोला तो थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। इतनी जोर से अडाणीजी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं, उन्हें थोड़ा कष्ट हुआ।” उन्होंने बताया कि उनका इस बार का भाषण अडाणीजी पर नहीं है, बल्कि उन्होंने अपनी बात मन की बजाय दिल से कहने का निर्णय लिया है।

राहुल गांधी ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंदुस्तान के एक नागरिक की हत्या के मामले को उठाया और इसे सरकार की लापरवाही के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबतक मणिपुर का दौरा नहीं किया और उनके इस बयान से मणिपुर में हुई हत्या को उनकी सरकार के लिए उनकी लापरवाही का संकेत माना जा सकता है।

राहुल गांधी ने इस बयान के साथ ही उन्होंने भाजपा के नेताओं को घेरने का भी प्रयास किया और कहा, “मोदीजी अगर मणिपुर की आवाज़ नहीं सुनते हैं, उसके दिल की आवाज़ नहीं सुनते हैं तो किसकी सुनते हैं? किसकी आवाज़ सुनते हैं, सिर्फ दो लोगों की आवाज़ सुनते हैं।”

उन्होंने इसके साथ ही भाजपा के सांसदों के विरुद्ध भी आक्रमण किया और उनके नेतृत्व में किए गए निर्णयों की आलोचना की। उन्होंने कहा, “आपके प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है। आप देशद्रोही हो, आप देशभक्त नहीं हो।”

इस बयान के बाद उनके साथी कांग्रेस के सदस्य ने खड़े होकर तालियां बजाई और इसके साथ ही स्पीकर बिड़ला ने उन्हें शुरूआत में कही गई बातों के मामले में आदर्श बरतने की अपील की।

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