प्रदेश के 137 सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर समेत असिस्टेंट प्रोफेसर की पीएचडी डिग्री की होगी जांच
हिमाचल प्रदेश। राजस्थान के कुछ निजी कॉलेजों से फर्जी डिग्री पाकर कॉलेज में प्रोफेसर बनने का मामला सामने आया है वहीं राजस्थान में हुए इस मामले के बाद हरियाणा सरकार ने भी इसको गंभीरता से लेते हुए मामले की बैठक की। इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा भी जांच करने का आदेश दिया गया है। प्रदेश के विश्वविद्यालय शिमला, सरदार पटेल महाविद्यालय मंडी समेत प्रदेश के 137 सरकारी कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसर, एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर की पीएचडी डिग्री की जांच की जाएगी।
शिक्षण संस्थान अध्यक्ष ने दिए प्रधानाचार्यों को निर्देश
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक द्वारा महाविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव समेत कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए गए है, कि जिन प्राध्यापकों द्वारा अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से पीएच की गई है, उनकी उचित जांच की जाए, जिससे पता लगाया जा सके कि कोई प्राध्यापक फर्जी डिग्री लेकर तो नौकरी नहीं कर रहा, साथ ही आयोग के अध्यक्ष ने यह भी कहा है, कि यदि कोई ऐसा फर्जी मामला सामने आता है तो तुरंत इसकी सूचना आयोग को दी जाए।
फर्जी डिग्री मामले पर की जाएगी उचित कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश में भी एक मामला सामने आया है, जिसकी आयोग ने जांच बिठाई है, जिसका रिकॉर्ड सत्यापित करने के लिए दिया गया है। इसमें आरोप है कि विश्वविद्यालयों के जो नियम होते है उनको किनारे करके पीएचडी कराई गई है। यह आरोप यदि सही साबित होता है तो पीएचडी डिग्री रद्द करने के साथ- साथ महाविद्यालय पर भी कार्रवाई की जा सकती है। सभी कॉलेजों में प्राध्यापकों की पीएचडी डिग्री की अच्छी तरह से जांच की जा रही है। यदि कोई प्राध्यापक फर्जी डिग्री वाला मिलता है तो उसे पर प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी और वह दंड का भागीदार भी होगा।