राजधानी शिमला के अस्पतालों में टेस्ट करवाने के लिए परेशान हो रहे है मरीज

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हिमाचल। प्रदेश की राजधानी शिमला में मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, सरकारी लैब में मरीजों की लंबी लाइनें टेस्ट कराने के लिए लगी हुई है। मौसम के रुख में परिवर्तन के चलते मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीमार व्यक्तियों में बच्चे व बूढ़ो की संख्या अधिक देखी जा रही है। टेस्ट करवाने के लिए मरीज सरकारी लैबों में पहुंच रहे है, लेकिन यहां पर भी मरीजों को टेस्ट की सुविधा नहीं मिल रही है।

मरीजों को मजबूरन जाना पड़ रहा निजी लैब में

सरकारी लैब में टेस्ट की सुविधा न मिलने से मरीजों को मजबूरन निजी लैब में जाकर टेस्ट करवाना पड़ रहा है। मरीजों को निजी लैब में सरकारी के मुकाबले कई स्थानों पर दोगुना से ज्यादा पैसे देकर टेस्ट करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है। आइजीएमसी में जहां सरकारी लैब है, वहां पर पहले ही जगह बहुत कम है। मरीजों की भीड़ ज्यादा होने से उन्हें वहां खड़े होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब उस लैब के सामने और सामान रख दिया गया है। इससे मरीजों को वहां पर खड़े रहने में भी दिक्कत आ रही है।

टेस्ट करने में लग रहा दो से तीन दिन का समय

मरीज सुबह से ही ओपीडी के बाहर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग जांच करवाने के बाद निजी लैब में अपने टेस्ट करवाने जा रहे हैं। पहले एक ही दिन में पूरा टेस्ट हो जाता था। अब मरीजों को इसके लिए दो दिन का समय लग रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों को दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसके लिए अस्पताल ने सरकारी लैब का समय भी ज्यादा कर दिया है। समय की अवधि एक घंटे तक अधिक कर दी गई है, ताकि मरीजों का टेस्ट किया जा सके, लेकिन सरकारी लैब की हालात दिन- प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।

एक दिन में किए जा रहे 900 तक टेस्ट

लैब में जहां पहले 400 से 500 के बीच टेस्ट करवाए जाते थे, वहीं अब लैब द्वारा नौ सौ के आसपास टेस्ट करवाए जा रहे है। अस्पताल प्रशासन ने आगे बताया कि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।

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