पहाड़ों का खिसकना बना ग्रामीणों के लिए खतरा

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सोलन। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर कुमारहट्टी से मात्र एक किलोमीटर दूर गाड़ियों के शोरूम के पास पहाड़ी के दरकने का सिलसिला लगातार जारी है, जिसके चलते इस जगह सड़क पर वाहन चलाना हादसे को निमंत्रण देना साबित हो सकता है।

सड़क के ऊपर से लगातार खिसक रहे पहाड़ व मलबे के कारण, जहां पहाड़ों पर बने मकानों को खतरा पैदा हो गया है, वहीं सड़क से नीचे बने बड़ोग पंचायत के रूंदनघोड़ों गांव के भी कुछ मकान कभी भी खतरे की जद में आ सकते हैं। पहाड़ों के खिसकने के कारण, बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पहाड़ खिसकने का सिलसिला जारी रहा, तो सड़क किनारे बड़ोग पंचायत के गांव के भी कुछ मकान इसकी चपेट में आ सकते हैं।

ग्रामीणों लक्ष्मीचंद, घनश्याम सिंह, हरिराम, शकुंतला देवी ने बताया कि पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हुए और यह क्रम शुक्रवार को भी जारी है। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार से फोरलेन से हो रहे नुकसान से उन्हें बचाने की गुहार लगाई है।

ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ी से पत्थर गिरने से सड़क पर कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पहाड़ खिसकने से बड़ा हादसा हो सकता है।

प्रशासन ने ग्रामीणों की शिकायत पर मौके पर पहुंचकर जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पहाड़ को ढहने से रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

पहाड़ों के खिसकने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई जगहों पर पहाड़ खिसकने से हादसे हो चुके हैं। प्रशासन को चाहिए कि पहाड़ों के खिसकने को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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