हिमाचल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में अब जादूगर आसानी से नहीं दिखा सकेंगे मैजिक शो

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हिमाचल।  प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में जादूगरों द्वारा मैजिक शो दिखाया जाता है, बच्चे भी बढ़ चढ़कर मैजिक शो देखने आते है, साथ ही अभिभावक भी स्कूल स्तर पर होने वाले मैजिक शो को देखने के लिए आते है। मैजिक शो को देखने के लिए हर कोई उत्साहित रहता है, लेकिन अब स्कूल स्तर पर होने वाले मैजिक शो की राह आसान नहीं है।

 जादूगर के दस्तावेजों की होगी जांच

दरअसल विभाग द्वारा सख्त नियम लागू किए गए है कि सरकारी व निजी स्कूलों में आने वाले जादूगरों को पहले मैजिक शो दिखाने के लिए अनुमति लेनी होगी, उप शिक्षा निदेशक द्वारा स्कूल स्तर पर होने वाले मैजिक शो के लिए पहले अनुमति दी जाएगी, तब जाकर जादूगर यहां मैजिक शो दिखा सकते है। जादूगर के स्कूल में मैजिक शो दिखाने से पहले प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापक द्वारा उनके दस्तावेजों की पूरी चैकिंग की जाएगी, उसके बाद ही जादूगर अपना शो दिखा सकेंगे।

मैजिक शो की जानकारी उपायुक्त और एसपी को देना अनिवार्य

प्रशासन के ध्यान में रखने के लिए कि किन- किन स्कूलों में मौजिक शो कराए जा रहे है, इसके लिए जिन स्कूलों में मैजिक शो दिखाने की अनुमति उप निदेशक ने दी है उसकी सूचना उपायुक्त और एसपी को भी देनी होगी। स्कूल स्तर पर होने वाले मैजिक शो में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब जादूगर के मैजिक शो दिखाने पर सख्ती बरती जा रही है। पहले स्कूल अपने स्तर पर ही मैजिक शो कराने की अनुमति दे देता था, लेकिन अब स्कूल स्तर पर मैजिक शो कराने के लिए पहले एडीएम से अनुमति मांगनी पड़ेगी।

मैजिक शो के माध्यम से बच्चों को किया जा रहा जागरुक

हरियाणा के महेश शर्मा ने एडीएम शिमला से पत्र लिखकर स्कूल में मैजिक शो कराने की अनुमति मांगी है, महेश शर्मा ने बताया कि वह समाज में कई समस्याओं को लेकर मैजिक शो करते है। अंध विश्वास, बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओं, कन्या भ्रूण हत्या नशाखोरी रक्तदान शिविर के लिए प्रेरित करना, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एकता जैसे कई विषयों को लेकर वह मैजिक शो के माध्यम से बच्चों को जागरूक करते हैं।

शो देखने के लिए मात्र 10 रु. का चार्ज

मैजिक शो देखने के लिए मात्र 10 रु. का चार्ज लिया जाता है, जिसमें से कमाई का 30 फीसदी जन कल्याण व मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाया जाता है।

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