हिमाचल प्रदेश मंडी जिले के सदर हलके में 14 साल की नाबालिग बनी एक बच्चे की मां

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हिमाचल। मंडी जिले के सदर हलके में 14 साल की एक नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया है, लगभग डेढ़ महीने पहले नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि नाबालिग ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। 14 वर्ष की नाबालिग की मां बनने की शिकायत मिलने पर चाइल्ड लाइन द्वारा नाबालिग व उसके बच्चे को अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के सामने पेश कर दिया गया। सीडब्ल्यूसी ने बयान दर्ज करके अब नाबालिग और उसके डेढ़ माह पहले हुए बच्चे को स्वजन को सौंप दिया है। सदर के बाल विकास परियोजना अधिकारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। पोक्सो अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है, साथ ही आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर बड़ी गाज गिरने की संभावना भी बताई जा रही है।

आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर गाज गिरना तय

आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दोनों ने नाबालिग की मां बनने की बात को छिपाया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कार्ड बनाते समय नाबालिग के आधारकार्ड की जांच नहीं की, वहीं आशा कार्यकर्ता ने भी जच्चा बच्चा कार्ड बना दिया। फिलहाल जांच के दौरान मामले को बाल विवाह से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। लड़का और लड़की दोनों को ही नाबालिग बताया गया है। दोनों के नाबालिग होने पर अब स्वजनों के विरुद्ध बाल विवाह करवाने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बाल विवाह कानूनी तौर पर अपराध है, ऐसे में हम न सिर्फ अपनी बेटी का बूरा करते है, बल्कि उसके भविष्य के साथ भी बहुत बड़ा खिलवाड़ करते है।

डेढ़ माह पहले दिया बच्चे को जन्म

बाल विवाह जैसे अपराधों को रोका जाना चाहिए, न कि उसे बढ़ावा देकर बेटी के भविष्य को बिखेरना चाहिए। बाल कल्याण समिति मंडी की अध्‍यक्ष रेखा शर्मा द्वारा कहा गया है कि सदर हलके की एक नाबालिग ने डेढ़ महीने पहले एक बच्चे को जन्म दिया है, इस बात की जानकारी अब मिली है। ऐसे मामलों को छुपाने की वजाय बाहर निकालकर बाल विवाह जैसे अपराधों को रोकना चाहिए। रेखा शर्मा ने आगे कहा कि सीडीपीओ से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है, जल्द ही आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाल अपरोधों को बिल्कुल भी बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।

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