Natural Calamities: “दो महीने में 500 करोड़ का नुकसान, हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार डूबने की कगार पर”
हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. दो महीने में इस क्षेत्र को करीब 500 करोड़ के नुकसान का अनुमान है. होटल और ट्रेवल इंडस्ट्री को नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा. सैलानी होटलों की एडवांस बुकिंग रद्द करवा रहे हैं.
कुल्लू जिले में जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई त्रासदी के बाद साहसिक गतिविधियाें पर करीब एक सप्ताह पहले ब्रेक लग गई है. ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते एक सप्ताह पहले राफ्टिंग सहित अन्य गतिविधियां बंद हैं. जबकि पैराग्लाइडिंग भी नहीं हो रही है. आधिकारिक तौर पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक साहसिक गतिविधियां बरसात के चलते बंद रहती हैं. जिसके चलते देश विदेश के सैलानियों को साहसिक गतिविधियां रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग का आनंद उठाने के लिए दो महीनों का इंतजार करना होगा. 15 सितंबर के बाद साहसिक गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगी.
जिले में साहसिक गतिविधियों से करीब 10,000 लोग जुड़े हुए हैं. इसमें युवाओं की संख्या अधिक है. युवाओं को साहसिक गतिविधियों के माध्यम से घरद्वार पर रोजगार मिल रहा है. राफ्टिंग प्वाइंट की बात करें तो जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर पिरड़ी में राफ्टिंग प्वाइंट है. इसके साथ ही कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे में पड़ने वाले बबेली में भी राफ्टिंग प्वाइंट है. यहां से राफ्ट ब्यास नदी में उतरने के बाद रामशिला में पहुंचती है. अब ब्यास नदी में आई बाढ़ ने रामशिला में राफ्टिंग प्वाइंट का नक्शा ही बिगाड़ कर दिया गया है. जिसे ठीक करने में एसोसिएशन को खूब मेहनत करनी होगी. बरसात के चलते आगामी दो महीनों तक ब्यास में राफ्टिंग का रोमांच देखने को नहीं मिलेगा. इस संबंध में जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने कहा कि 15 जुलाई से 15 सितंबर के बीच राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर रोक रहेगी.
प्राकृतिक आपदा से हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. इस क्षेत्र को दो महीने तक उबरने में समय लगेगा. होटल और ट्रेवल इंडस्ट्री को नुकसान की भरपाई करना मुश्किल होगा. सैलानी होटलों की एडवांस बुकिंग रद्द करवा रहे हैं. इससे इस क्षेत्र को और भी ज्यादा नुकसान होगा.
सरकार को इस क्षेत्र में मदद करने के लिए कदम उठाने चाहिए. सरकार को होटल और ट्रेवल इंडस्ट्री को आर्थिक मदद देनी चाहिए. सरकार को पर्यटन स्थलों को सुरक्षित बनाने के लिए भी काम करना चाहिए. इससे पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा.