पुरानी संसद में मोदी की 50 मिनट की आखिरी स्पीच: नेहरू, इंदिरा, राजीव की तारीफ की; कहा- सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को हटते देखा
पुरानी संसद में सोमवार को संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन है। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने सदन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी।
पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।
उन्होंने कहा, ‘सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी। मोदी के स्पीच की 7 बड़ी बातें….
- प्लेटफ़ॉर्म पर गुज़ारा करने वाला बच्चा पार्लियामेंट पहुंचा: पीएम ने कहा कि एक सांसद के रूप में प्रवेश करने का मौका उनके लिए अद्वितीय है, और यह दिखाता है कि भारत के लोकतंत्र की ताक़त है कि एक बच्चा प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ा होकर पार्लियामेंट में पहुंच सकता है।
- परिवार पुराना घर छोड़कर जाता है, तो कई यादें ले जाता है: पीएम ने यह कहा कि संसद से विदाई लेने का मौका बेहद भावुक होता है, और जब कोई अपने पुराने घर को छोड़कर नए घर जाता है, तो वह कई यादें ले जाता है।
- देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया: पीएम ने पंडित नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक के पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान किया और उनके काम की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।
- नेहरू जी के गुणगान में कौन होगा, जो ताली नहीं बजाएगा: पीएम ने कहा कि अगर नेहरू जी का गुणगान होता है तो कौन ऐसा सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा।
- अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके: पीएम ने बताया कि लोकतंत्र के शुरुआती दिनों में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, लेकिन आज तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में पहुंच चुके हैं।
- संसद पर आतंकी हमला, हमारी जीवात्मा पर हमला था: पीएम ने 2001 में संसद में हुए आतंकी हमले को याद किया और इसे एक हमले के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय जीवात्मा पर हुआ हमला कहा।
- संसद भवन में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का: पीएम ने संसद भवन के निर्माण में देशवासियों का पसीना और परिश्रम लगा है और इसे एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में उजागर किया।