बल्ह घाटी में टमाटर की फसल से 100 से अधिक किसान करोड़पति बने।

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बल्ह घाटी में टमाटर की फसल से 100 से अधिक किसान बन गए करोड़पति

नेरचौक, 16 जुलाई (कमल शर्मा) : बल्ह घाटी में टमाटर की फसल इस मर्तबा 100 से भी अधिक किसानों को करोड़पति बना गई है। घाटी में लगभग 12 सौ एकड़ भूमि पर किसान टमाटर की पैदावार करते हैं। पिछले कुछ वर्षों से टमाटर की कीमतें अच्छे ना मिलने से किसान परेशान चल रहे थे, लेकिन इस बार कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने से किसान खुश हैं. टमाटर का 1 करेट जो 200-300 रुपए से लेकर अधिकतम 1000 रुपए तक जाता था, इस बार 26 सौ रुपए तक बिका।

टमाटर की कीमतों में आई गिरावट।

टमाटर की कीमतों में रविवार को एकदम गिरावट आ गई, क्योंकि टमाटर का सीजन खत्म होने को है और अब किसानों के पास अच्छी क्वालिटी का माल तैयार नहीं हो पा रहा है। नतीजतन किसान व्यापारियों की मांग के मुताबिक टमाटर उनको नहीं दे पा रहे हैं, जिस कारण रविवार के दिन टमाटर के 1 कैरेट की खरीद का दाम 500 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक रहा।

बेरोजगार युवकों की पसंदीदा खेती है टमाटर की फसल।

बल्ह घाटी के सैकड़ों बेरोजगार युवकों ने टमाटर की खेती को अपने जीवन यापन का साधन बनाया हुआ है। दर्जनों ऐसे युवक हैं, जिन्होंने 50 से 100 बीघे तक उपजाऊ भूमि किराए पर लेकर टमाटर की फसल तैयार की है। मेहनतकश इन युवकों को हालांकि इस बार टमाटर के दाम अच्छे मिले, लेकिन कुछ एक टमाटर उत्पादकों को कीमतें अत्यधिक मिलने का लाभ नहीं मिल पाया, क्योंकि इस बार प्री मानसून व बीमारी के कारण 20 से 30 फिसदी फसल पूरी तरह से खराब हो गई।

सप्ताह भर ही चलेगा अभी टमाटर का सीजन।

बल्ह में अब टमाटर का सीजन लगभग समाप्त होने को है। कुछ किसानों के पास टमाटर बचा हुआ है, जिन्होंने देरी से टमाटर की बिजाई की थी। जुलाई पंद्रह तक बल्ह का टमाटर खत्म हो जाता था तथा कुल्लू का टमाटर तैयार हो जाता है। बाहरी राज्यों के व्यापारी बल्ह की बजाय कुल्लू में डेरा जमा लेता था, लेकिन अबकी बार बरसात के कारण आई बाढ़ से कुल्लू में भारी नुकसान हुआ है। रास्ते खराब होने के कारण व्यापारी कुल्लू तक नहीं पहुंच पाया है, जिस कारण बल्ह के टमाटर की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन अब बल्ह का टमाटर अच्छी किस्म का नहीं रह गया है. नतीजतन अब कीमत भी धड़ाम से नीचे गिर रही है।

कोट्स

  • घाटी में टमाटर की फसल अब 8-10 दिन ही चल पाएगी। किसान व्यापारियों को मांग के मुताबिक क्वालिटी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं, जिस कारण अब टमाटर की कीमतें गिरना शुरू हो गई है। हालांकि इस बार टमाटर के दाम अच्छे मिलने से घाटी के लगभग 100 किसान करोड़पति बन चुके हैं।
  • अनिल सैनी, उप प्रधान प्रदेश आढती यूनियन
  • बल्ह घाटी में टमाटर का सीजन इस बार किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ है। प्री मॉनसून और बीमारी के चलते 20 से 30 फिसदी फसल खराब होने के बावजूद भी किसान खुश हैं। उन्होंने घाटी के किसानों से आग्रह किया है कि टमाटर की अच्छी फसल लेने के लिए वह वैज्ञानिक तकनीक और विभागीय सलाह का अनुसरण करें, जिससे कि कम लागत पर अधिक लाभ किसान को मिल सके।

टमाटर की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी।

टमाटर की खेती से किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस बार किसान 1 एकड़ में लगभग 10 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। यह पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। टमाटर की खेती से किसानों को आर्थिक संपन्नता प्राप्त हुई है. वे अपने जीवन को बेहतर बना रहे हैं। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। वे अपने घरों का निर्माण कर रहे हैं।

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