जिला कांगड़ा में पैर पसारने लगा लंपी चर्म रोग, पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए जारी की एडवाइजरी

Spread the love

हिमाचल। जिला कांगड़ा में लंपी वायरस तेजी से पैर पसारने लग गया है, यहां पर बहुत से पशु इस वायरस की चपेट में आ गए है। लंपी वायरस को तेजी से फैलता देख पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। लंपी वायरस की चपेट में आने से पशुओं को तेज बुखार के साथ ही उनके शरीर पर मोटी- मोटी गांठे बन रही है। बुखार की पीड़ा इतनी तेज हो रही है, कि पशु अपना चारा तक नहीं खा पा रहे है। चारा नहीं लेने से पशु कमजोर हो रहा है, और पशु का शरीर इस बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत नहीं बन रहा है, जिससे उसकी मौत हो जा रही है।

गाय के साथ ही यह वायरस भैंसों में भी फैल रहा है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान ने इस लंपी चर्म रोग को एक विषाणु जनित संक्रामक रोग बताया है। यह रोग मुख्य रुप से गाय व भैंसों में होता है। यह रोग एक पशु से दूसरे पशु में चारे, पानी, लार आदि के माध्यम से फैलता है। जब बहुत से पशु एक साथ चारा खा रहे होते है, तो उनकी लार, चारा आपस में मिलता है, जिससे संक्रमित पशु के साथ ही दूसरा पशु भी संक्रमित हो जाता है।

इससे बचाव के लिए बीमार पशुओं को अलग कर दें, व बीमार पशु को खुले में चरने के लिए भी न छोड़े। बीमार पशु को तत्काल प्रभाव से पशु चिकित्सालय में दिखाए, और उसका उचित इलाज करवाएं। लंपी वायरस को पशुओं में फैलने से रोकने के लिए पशुओं को कीटनाशक दवाई साइपरमैथ्रिन, फ्लूमेथ्रिन आदि टीके के रुप में लगवाए। पशुओं को समय से चरने के लिए छोड़े व समय से अंदर बांध दे, ताकि मच्छर आदि उन पर प्रकोप न कर सके। पशुशाला में साफ- सफाई का विशेष ध्यान देँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *