कुल्लू दशहरा: 15 देशों के कलाकारों की भागीदारी से बढ़ा उत्सव का अंतरराष्ट्रीय महत्व

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कुल्लू, हिमाचल प्रदेश: कुल्लू दशहरा उत्सव इस बार अपने अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में नजर आ रहा है, जब 15 देशों के कलाकार दल इस उत्सव में भाग लेंगे। इसके लिए सरकार और प्रशासन ने तैयारियों में जुट जाने का आलंब किया है।

कुल्लू दशहरा, जो भगवान रघुनाथ की अगवाई में मनाया जाता है, इसके उत्सव में माता हिडिंबा, बिजली महादेव, और बाह्य सराज के अधिष्ठाता खुडीजल, टकरासी नाग, ब्यास ऋषि, कोट पझारी, चोतरू नाग, देवता चंभू, सप्त ऋषि, समेत 300 देवी-देवताओं की भागीदारी होती है। यह उत्सव उनके समृद्धि और समृद्धि की प्रतीक है।

इस उत्सव में साल दर साल देवी-देवताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, और 2022 में 304 देवी-देवताएँ ने दशहरा की शोभा बढ़ाई। यह इतिहास में सबसे अधिक मौजूदगी थी।

साथ ही, इस बार कुल्लू दशहरा में 15 देशों के कलाकार दल भी भाग लेंगे, जिसके द्वारा संस्कृति का अंतरराष्ट्रीय प्रसार होगा और पर्यटन का विकास होगा।

कुल्लू दशहरा की तैयारियों में सरकार और प्रशासन जुट गए हैं, और 332 देवी-देवताओं को उत्सव में निमंत्रण भेजा गया है। यह निमंत्रण पत्र पहुंचाने के लिए कारदारों को मदद करने के लिए तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की मदद लिया जाएगा। निमंत्रण पत्र 15 सितंबर तक पहुंचाए जाने की उम्मीद है, उदाहरणस्वरूप आपदाओं के चलते रास्ते और सड़कों के अवरुद्ध होने से।

कुल्लू दशहरा का उत्सव अक्टूबर 24 से शुरू होगा, जब जिला के 332 देवी-देवताओं का पैदल सफर इस महत्वपूर्ण उत्सव में आगमन करेगा।

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