हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएससी के बिगड़े हालात, जानिए
हिमाचल। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में सुमार इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के हालात दिन- प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे है, अस्पताल में आपातकालीन विभाग से लेकर मेडिसिन वार्ड तक छोटे पड़ने लगे है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से यहां पर एक ही बिस्तर पर दो- दो मरीजों को रखा गया है। दो मरीजों के एक ही बिस्तर पर लेटने से मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में साफ- सफाई की व्यवस्था नहीं
आए दिन मरीजों की शिकायतें बढ़ती ही जा रही है, वहीं अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव चल रहा है, जिस कारण मरीजों को इधर से ऊधर भागना पड़ रहा है। अस्पताल में साफ- सफाई की भी उचित व्यवस्था नहीं है, संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ ही रहा है, और अब तो टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है, तभी भी अस्पताल में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। मरीजों को उठने- बैठने से लेकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में जगह की कमी के चलते लोग परेशान
मरीजों की परेशानी को देख जब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठाए गए तो, अस्पताल प्रशासन द्वारा कहा गया कि अस्पताल में जगह की कमी के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने आगे कहा कि मरीजों को घर भी नहीं भेजा जा सकता, और उन्हें एक ही बिस्तर पर रखना उनकी मजबूरी भी है, क्योंकि अस्पताल में जगह की कमी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में अभी 850 बिस्तरों की क्षमता है, और रोजाना अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की कुल संख्या 2855 के पार है।
एक बेड पर रखा जा रहा दो मरीजों को
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में कितने और बेड लगने की आवश्यकता है। अस्पताल प्रशासन की ओर से बिस्तर की संख्या बढ़ाने के लिए कई बार सरकार को कह दिया गया है, लेकिन अभी तक इनकी संख्या को नहीं बढ़ाया गया है। आजकल अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, जिस कारण एक बेड पर दो मरीजों को रखा जा रहा है।