चन्द्रयान -3 के मिशन पूरा होने पर दुनिया में भारत का बढ़ेगा कद
चेन्नई, 19 अगस्त 2023: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अपने अगले महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की है। इसरो का यह अद्वितीय प्रयास, सूर्य के पास पहुंचकर उसकी सतह का अध्ययन करने की है, जो दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
आदित्य-एल1 सौर अन्वेषण मिशन का लक्ष्य सूर्य की चुनौतीपूर्ण सतह पर उतरना है। इसके लिए इसरो ने एक विशेष मिशन तैयार किया है, जिसमें आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को प्रक्षिप्त किया जाएगा। मिशन की शुरुआत इसरो के प्रमुख अंतरिक्ष केंद्र, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से की जाएगी।
इस महाकाव्यिक मिशन के अनुसार, आदित्य-एल1 को पहले सूर्य के करीब ले जाया जाएगा ताकि उसके अण्डाकार की अध्ययन की जा सके। फिर अंतरिक्ष यान को ऑन-बोर्ड प्रणोदन का उपयोग करके लैग्रेंज बिंदु एल-1 की ओर प्रक्षिप्त किया जाएगा। यह बिंदु सूर्य के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद अंतरिक्ष में जाएगा, जहां उसकी सबसे अद्भुत यात्रा शुरू होगी।
आदित्य-एल1 की यात्रा में कुल में लगभग चार महीने लगेंगे, जिनमें यह अपने लक्ष्य के नजदीक आकर्षित होगा और उसकी अद्वितीय जानकारी प्राप्त करेगा। इसके प्रमुख उद्देश्यों में से एक है सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम के प्रभाव को समय-समय पर देखना, जिससे हमारे वैज्ञानिक ज्ञान में वृद्धि हो सके।
इस महाकाव्यिक कदम से इसरो ने एक बार फिर दिखाया है कि वह नए आवश्यकताओं के साथ सामर्थ्यपूर्ण रूप से सामना कर सकता है। यह मिशन विज्ञान की नई ऊँचाइयों को छूने का एक और रूप है, जो हमारे वैज्ञानिक समुदाय के लिए गर्व का स्रोत है।