हिमाचल प्रदेश में बागवान 32 साल बाद फिर हुए आंदोलित, विपक्ष से लेकर तीसरे विकल्प की खोज में निकली आप पार्टी भी बागवाने के साथ खड़ी
हिमाचल। प्रदेश में बागवान फिर से आंदोलित हो गए है, इस बार 32 साल बाद बागवानों ने आंदोलन किया है, इस आंदोलन में बागवानों के साथ विपक्ष से लेकर तीसरे विकल्प की खोज में निकली आम आदमी पार्टी भी शामिल हो ऱखी है। बागवानों के आंदोलन में तमाम आंदोलनकर्ताओं से लेकर महिलाएं तक भी शामिल है। बीते दिन भी बागवाने ने आंदोलन कर सचिवालय का घेराव किया। इस दौरान पुलिस टीम ने बागवानों को सचिवालय का घेराव करने से रोकने के लिए बेरिकेंड लगाकर रोकना चाहा, लेकिन बागवानों में गुस्सा इतना भरा पड़ा है कि उन्होंने बेरिकेंड पर चढ़कर ही आगे कूच कर दी।
बागवाने के इस आंदोलन में हर कोई उनके साथ खड़ा है, वहीं विपक्ष और आप पार्टी भी बागवानों के साथ डट कर खड़ी हो गई है, और केंद्र सरकार पर जमकर वार कर रही है। अब बागवानों का संगठन पूरी तरह से मजबूत बन गया है, ऐसे में यदि अब सत्ताधारी दल बीजेपी ने बागवानों को कंट्रोल में नही किया तो पार्टी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
आगामी चुनावों में शिमला से तो पार्टी की मुसीबतें ढंग से ही बढ़ जाएंगी, जिससे यहां पर कमल खिलने की कोई संभावना ही नहीं रहेगी। समय रहते केंद्र को इस ओर ध्यान देना चाहिए। बागवानों ने इससे पहले 1987 में भी ठीक इसी प्रकार का बड़ा आंदोलन किया था, इसके बाद यहां पर कोई ऐसा बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। इस बार के आंदोलन को देख 1987 वाले हालात ही नजर आ रहे है।