शिमला-मंडी-कुल्लू जिला में एचआरटीसी के 1700 रूट अभी भी बंद, सबसे अधिक प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में रूट ठप
शिमला, 17 अगस्त 2023: प्रदेश में एचआरटीसी के 1700 रूट अब तक बंद हैं, जिसके परिणामस्वरूप शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में सबसे ज्यादा रूट ठप पड़े हैं। इन जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों के रूट पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं। इस स्थिति के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, और वहीं एचआरटीसी को भी घाटा झेलना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में एचआरटीसी बसों की आवाजाही बिल्कुल बंद है, जिससे स्कूली बच्चों को स्कूल, नौकरीपेशा लोगों को दफ्तर, और किसानों-बागबानों और दुग्ध उत्पादकों के उत्पादों को मार्केट तक पहुंचाने में बड़ी दिक्कत हो रही है।
मंगलवार को एचआरटीसी ने 1100 रूटों पर सेवाएं शुरू की थी, जबकि बुधवार को 500 रूटों पर सेवाएं बहाल की गई हैं। इसका मतलब है कि कुल मिलाकर 1600 रूटों पर सेवाएं बहाल हो चुकी हैं, लेकिन अब भी 1700 रूट बंद हैं। मानसून सीजन में एचआरटीसी को लगभग 30 करोड़ रुपये का घाटा आया है।
डिपो में खड़ी बसें
एचआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, इस बार एचआरटीसी की अधिकांश बसें डिपो में खड़ी हैं। जुलाई माह में आए आपदा के कारण एचआरटीसी की कई बसें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फंस गई थी, लेकिन इस बार अधिकांशत: सेवाएं डिपुओं में ही खड़ी हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में रूट ठप
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि एचआरटीसी के बंद पड़े 3300 रूटों में से 1600 रूटों को बहाल कर दिया गया है, लेकिन बाकी रूट अब तक प्रभावित हैं। मंडी-कुल्लू और शिमला जिलों में सबसे ज्यादा रूट प्रभावित हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों की सेवाएं बिल्कुल ही ठप हैं।