हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से बचाव में देवदूत साबित हुए NDRF के जवान

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हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान से निपटने में NDRF के जवान देवदूत साबित हुए हैं। NDRF के जवानों ने भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से लोगों को बचाने और उन्हें भोजन और पानी पहुंचाने का काम किया है।

NDRF के जवानों ने सबसे पहले कुल्लू जिले के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के तीन गांवों, शाकटी, मझान और शेनशेर के लोगों को बचाया। इन गांवों में रहने वाले लोगों के पास भोजन और पानी खत्म हो गया था और वे भूस्खलन के कारण फंस गए थे। NDRF के जवानों ने हैलीकॉप्टरों की मदद से इन गांवों में भोजन और पानी पहुंचाया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

NDRF के जवानों ने कसोल, त्रिलोकीनाथ, पिन भाबा, मयाड़ वैली और मंडी जिले के अलग-अलग भागों में भी लोगों को बचाया। इन इलाकों में भी भूस्खलन और भारी बारिश से हुए नुकसान से लोग परेशान थे। NDRF के जवानों ने इन लोगों को भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामान पहुंचाकर उनकी मदद की।

NDRF के जवानों के इस साहस और समर्पण के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि NDRF के जवानों ने लोगों की जान बचाने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि NDRF के जवान हिमाचल प्रदेश के लिए एक संपत्ति हैं।

NDRF के जवानों के इस काम से लोगों को बहुत राहत मिली है। लोगों ने NDRF के जवानों का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि NDRF के जवानों ने उनकी जान बचा ली है। उन्होंने कहा कि NDRF के जवान настоящие हीरो हैं।

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