हिमाचल प्रदेश में 120 प्राथमिक स्कूल बंद होने की तैयारी

Spread the love

शिमला, 18 जुलाई 2023: हिमाचल प्रदेश में दो विद्यार्थी संख्या वाले 120 प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के निर्देशों पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने दो विद्यार्थियों की संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को चिह्नित कर लिया है। प्रदेश भर में ऐसे 120 स्कूल हैं। इन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान नए विद्यार्थियों ने दाखिले नहीं लिए हैं। कई विद्यार्थियों ने स्कूल भी बदल लिए हैं। ऐसे में सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यहां कार्यरत शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक से स्कूलों को बंद करने की मंजूरी मिलने के बाद निदेशालय की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने बीते दिनों विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला सुनाते हुए दो विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों की भी सूची बनाने के निर्देश दिए थे। उधर, शिक्षा विभाग ने बीते दिनों बंद किए गए स्कूलों से शिक्षकों को अन्य स्कूलों में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इस बाबत सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बीते दिनों ही प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों के शून्य दाखिलों वाले 78 प्राइमरी और 39 मिडल स्कूलों को बंद किया है।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। ऐसे स्कूल जो शैक्षिक रूप से अक्षम हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि बंद किए गए स्कूलों के शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।

शिक्षा मंत्री के इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया है, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध किया है. कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को ऐसे स्कूलों को बंद नहीं करना चाहिए, जहां कम विद्यार्थी हैं। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में परेशानी होगी। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सरकार का फैसला सही है। ऐसे स्कूल जो शैक्षिक रूप से अक्षम हैं, उन्हें बंद कर देना चाहिए. इससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

शिक्षा मंत्री के फैसले का असर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों पर पड़ेगा। विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है। शिक्षकों को नए स्कूलों में स्थानांतरित किया जा सकता है। अभिभावकों को अपने बच्चों को नए स्कूलों में दाखिला कराना पड़ सकता है।

शिक्षा मंत्री के फैसले का समग्र रूप से देखना होगा। यह फैसला विद्यार्थियों के हित में है या नहीं, यह समय ही बताएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *