हिमाचल प्रदेश सरकार ने एचआरटीसी व निजी बसों में सफर करने के लिए न्यूनतम किराया किया तय, जानिए कितना हुआ न्यूनतम किराया
हिमाचल। प्रदेश सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन( एचआरटीसी) की बसों व निजी बसों में न्यूनतम किराया तय कर दिया है। सरकार द्वारा न्यूनतम किराया तय करने के बाद अब निजी बस संचालक सरकार के विरोध में खड़े उतर गए है। उनका कहना है कि वह इस पूरे मामले में कोर्ट के दरवाजे खटखटाएंगे। न्यूनतम किराए को लेकर प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम द्वारा आदेश जारी किया गया है। आपको बता दें कि बसों का न्यूनतम किराया अब पांच रुपये कर दिया गया है, जिससे लोगों को तो राहत मिली है, लेकिन बस संचालको में इस खबर को लेकर काफी रोष देखा जा रहा है।
निजी बस संचालकों ने प्रदेश सरकार पर लगाया आरोप
उनका कहना है कि पहले एचआरटीसी की बसों में महिलाओं के लिए किराए में 50 फीसदी तक की छूट की गई, और अब न्यूनतम किराया भी पांच रुपये कर दिया गया है। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए निजी बस संचालकों ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की नजदीकी के चलते प्रदेश सरकार महिलाओं के वोटों को लुभाने के साथ ही अब सभी लोगों को लुभाने का प्रयास कर रही है। चुनावी वर्ष में लोगों को लुभाने के लिए यह सब किया जा रहा है, साथ ही कहा कि महिलाओं के किराए में 50 फीसदी छूट के मामले में बस संचालकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो इसका बदला लेने के लिए अब न्यूनतम किराए में छूट दी गई है।
चुनावी वर्ष में वोट लुभाने के लिए किया गया किराया कम
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर द्वारा बताया गया कि राजनीति के चलते सरकार केवल वोट लुभाने के लिए यह सब कर रही है, और निजी बस संचालकों की पेट पर लात मार रही है। राजेश पराशर ने कहा कि जब ईधन से लेकर हर एक बाजारी वस्तु की कीमत में उछाल की गई है, तो सिर्फ किराए में ही छूट क्यों, किराए को भी बढ़ाना चाहिए।
यदि कम करना है, तो सभी वस्तुओं की कीमत को कम करें। पहले न्यूनतम किराया सात रुपये था, वहीं अब मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद इसे सात रुपये कर दिया गया है।