बादल फटने से चंबा में बाढ़, 3 लोग लापता, स्कूल-आंगनबाड़ी बंद
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तीन लोगों के लापता होने की खबर है। बादल फटने की घटनाएं शिमला और कुल्लू जिले में हुई हैं। शिमला जिले के रोहड़ू में छौहारा विकास खंड की कलोटी खड्ड में बादल फट गया, जबकि कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटने का समाचार है।
रोहड़ू में बादल फटने से लैला गांव में ढाबा चलाने वाले तीन लोगों के मलबे में दबने की खबर है। जगोटी गांव के रोशन लाल और उनकी धर्म पत्नी भागा देवी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ लैला में ही था। लैला खड्ड में आए भारी फ्लड में ढाबा बह गया। जिसके बाद तीनों लापता हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ जेसीबी की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। भूस्खलन के चलते खोड़ाआगे गांव के 30 मकानों को खाली कर दिया गया है। गड़सा-खोड़ाआगे सड़क बाढ़ में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बादल फटने के बाद गांव के लोगों में दशहत का माहौल है।
हिमाचल प्रदेश में चार दिनों तक भारी बारिश का येलो व ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 23 से 25 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट है।
उधर, चंबा जिले के भरमौर और भटियात उपमंडल के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। जिले में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह फैसला लिया गया है।
मौसम केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में चल रही वर्षा गतिविधि में आज से अगले 48 घंटों के लिए वृद्धि होने की संभावना है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, ऊना, हमीरपुर, किन्नौर और लाहौल जिले में भारी बारिश की संभावना है।
इस अवधि के दौरान प्रदेश के निचले और मध्य पर्वतीय जिलों में चार दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। अगले 4 से 5 दिनों के दौरान औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। प्रदेश के कई भागों में 27 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं।
लोगों से सतर्क रहने की अपील।
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। लोगों को नदियों, नालों और पहाड़ों के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है। साथ ही, लोगों को अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
बादल फटने की घटनाएं क्यों होती हैं?
बादल फटने की घटनाएं तब होती हैं जब बादल बहुत अधिक पानी से भर जाते हैं और वे अपना पानी एक ही स्थान पर छोड़ देते हैं। इससे अचानक और बहुत अधिक मात्रा में पानी बहने लगता है, जिससे बाढ़ आ जाती है। बादल फटने की घटनाएं अक्सर पहाड़ी इलाकों में होती हैं, क्योंकि वहां पर बादल अधिक मात्रा में पानी से भर जाते हैं।
बादल फटने से बचाव कैसे करें?
बादल फटने से बचाव के लिए कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए:
- नदियों, नालों और पहाड़ों के पास जाने से बचें।
- अपने घरों को सुरक्षित रखें।
- बादल फटने की चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।
- अपने परिवार और दोस्तों को बादल फटने के बारे में बताएं।