हिमाचल में फिर मंडरा रहा खतरा
हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है, सड़कें और पुल बह गए हैं, और कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अब तक 197 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं।
मानसून की सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू और मनाली जिलों में हुई है। कुल्लू जिले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई गांवों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है। मनाली जिले में भी कई लोग मारे गए हैं और कई पर्यटक फंस गए हैं।
बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में कई सड़कें और पुल बंद हो गए हैं।कई गांवों का संपर्क टूट गया है और लोगों को भोजन और पानी की किल्लत हो रही है।
राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में जुट गई है। सेना और NDRF की टीमें बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को निकालने के लिए काम कर रही हैं।
मानसून की भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार को इस आपदा से निपटने के लिए भारी धन खर्च करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
मानसून से हिमाचल प्रदेश को हुआ नुकसान
मानसून की भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार का अनुमान है कि इस आपदा से 5,745 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
मानसून से हुए नुकसान का विवरण इस प्रकार है:
- 748 घर पूरी तरह से ढह गए हैं।
- 7248 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
- 246 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
- 22872 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है।
- 78 भूस्खलन हुए हैं।
- 58 बाढ़ आई हैं।
- 6712 पेयजल परियोजनाएं बंद हैं।
- 301 सड़कें बंद हैं।
- 197 लोगों की मौत हो गई है।
मानसून से निपटने के लिए राज्य सरकार की कार्रवाई
मानसून से निपटने के लिए राज्य सरकार ने निम्नलिखित कार्रवाई की है:
- राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना और NDRF की टीमों को तैनात किया है।
- प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सामग्री मुहैया कराई है।
- क्षतिग्रस्त घरों और दुकानों के पुनर्निर्माण के लिए योजना बनाई है।
- बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम वाले क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया है।
मानसून से निपटने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए
मानसून से निपटने के लिए लोगों को निम्नलिखित बातें करनी चाहिए:
- बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाएं।
- बारिश के दौरान घर से बाहर निकलते समय बरसाती कपड़े और जूते पहनें।
- अपने पास एक टॉर्च और अन्य आपातकालीन सामग्री रखें।
- अगर आप बाढ़ या भूस्खलन में फंस जाते हैं, तो तुरंत मदद के लिए 100 पर कॉल करें।
मानसून एक प्राकृतिक आपदा है। इस आपदा से निपटने के लिए लोगों को सतर्क रहना और सुरक्षित रहना चाहिए।