हिमाचल में महंगाई का संकट

Spread the love

हिमाचल प्रदेश में महंगाई का संकट गहराता जा रहा है

कुछ दिन की राहत के बाद सरसों तेल और रिफाइंड के दाम फिर बढ़ गए हैं। ब्रांडेड सरसों के तेल की एक लीटर की बोतल में 30 रुपये की वृद्धि हो गई है, जबकि सब स्टैंडर्ड सरसों तेल के दाम भी 20 रुपये बढ़ा दिए गए हैं। रिफाइंड तेल की एक लीटर की बोतल के दाम में 20 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।

कुछ दिन पहले ही सरसों तेल और रिफाइंड के दामों में कमी हुई थी और लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब दामों में बढ़ोतरी ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। ब्रांडेड सरसों के तेल की बोतल, जो पहले 120 रुपये की दर से बिक रही थी, अब उसकी कीमत 150 रुपये पहुंच गई है। वहीं सब स्टैंडर्ड सरसों तेल की बोतल की कीमत 100 रुपये से बढ़कर 120 रुपये हो गई है। रिफाइंड तेल की बोतल भी 100 रुपये में ही थोक भाव में बिक रही थी, लेकिन अब इसकी कीमत भी 120 रुपये पहुंच गई है। हालांकि मार्केट में पहुंचने के बाद कीमतों में और वृद्धि होगी। प्रदेश के थोक विक्रेताओं के पास अब महंगी दर पर सरसों और रिफाइंड तेल पहुंचा है।

मसालों के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। जीरे के दाम 800 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए हैं, जोकि पहले 300 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थे। इसके साथ ही अन्य मसालों के दामों में भी काफी वृद्धि दर्ज हुई है। यह पहली ऐसी बरसात है, जब मौसमी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। जो सब्जियां पिछले बरसात में 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकी थीं, वे इन दिनों 100 रुपये से करीब बिक रही हैं। कोई सब्जी ऐसी नहीं है, जिसकी कीमत 50 रुपये से कम हो। फसल प्रभावित होने का दावा कर महंगाई बढ़ने की बात सामने आ रही है। कुल मिलाकर लोगों पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है।

महंगाई से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। वे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *