हाई कोर्ट ने बीआरसीसी शिक्षकों को वापस स्कूलों में भेजने के आदेश पर मुहर लगाई
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 198 बीआरसीसी शिक्षकों को वापस स्कूलों में भेजने के आदेश पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बीआरसीसी को फिर से स्कूलों में भेजने के इस कदम में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमति जताते हुए कोर्ट में आए 55 शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार ने 13 जून, 2023 को बीआरसीसी शिक्षकों को वापस स्कूलों में भेजने के आदेश दिए थे। इन आदेशों को 55 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. शिक्षकों ने कहा था कि उन्हें सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त किया गया था और उन्हें स्कूलों से बाहर निकालना गैरकानूनी है।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में सभी जिलों में लगभग 3889 पद जेबीटी और 597 पद हैड टीचर के रिक्त पड़े हैं. टीजीटी आट्र्स के 691, नॉन मेडिकल के 689 और मेडिकल के 371 पद रिक्त पड़े हैं। रिक्त पदों के चलते बच्चों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बीआरसीसी को फिर से स्कूलों में भेजने के इस कदम में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सरकार का यह कदम बच्चों के हित में है। कोर्ट ने शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया गया है। सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही शिक्षकों के रिक्त पदों को भर देगी. सरकार ने यह भी कहा है कि वह बीआरसीसी शिक्षकों को नए सिरे से प्रशिक्षण देगी ताकि वे अपने नए काम में प्रभावी हो सकें।
इस फैसले से उन बच्चों को फायदा होगा जो अभी तक अच्छी शिक्षा से वंचित हैं. उम्मीद है कि इस फैसले से सरकार को सर्व शिक्षा अभियान के तहत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।