हिमाचल प्रदेश में सरकार ने किया मंकीपाक्स को लेकर अलर्ट जारी

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हिमाचल। विश्व के कई देशों में मंकीपाक्स वायरस के मामले मिलने लग गए है, बहुत से देशों में लोग मंकीपाक्स की चपेट में आ चुके है। हालांकि भारत में अभी तक मंकीपाक्स का एक भी मामले नहीं मिला है, लेकिन यह एक संक्रमित बीमारी है, जिसे देख प्रशासन ने सभी अस्पतालों में मंकीपाक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इसी संबंध में आज हिमाचल प्रदेश में भी सरकार ने सतर्कता बरतने के सख्त निर्देश दे दिए है।

संक्रमित होने पर तुरंत लें चिकित्सक की सलाह

केंद्र ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में अगर किसी में भी मंकीपाक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसकी सूचना तुरंत चिकित्सक को दें, और इलाज शुरू करवाए, वहीं सरकार द्वारा सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, कि यदि किसी भी व्यक्ति में मंकीपाक्स के लक्षण दिखाई देते है, तो तत्काल प्रभाव से इसकी सूचना सरकार को दें।

वायरस को फैलने से रोकने के लिए बरती जा रही सतर्कता

नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक हेमराज बेरवा द्वारा बताया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा मंकीपाक्स वायरस को लेकर निर्देश दिए गए है। कई देशों में संक्रमण के मामले मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक सभी अलर्ट मोड़ पर आ गए है। सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है, कि कहीं यह बीमारी भी कोरोना वायरस की तरह देश में फैलकर आतंक न मचा दें, इसलिए सरकार पहले से ही पूर्ण रुप से सतर्क हो चुकी है, साथ ही अस्पतालों से लेकर लोगों तक को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए है।

संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी हो सकता है मंकीपाक्स

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी जानवरों से फैलती है। यदि मंकीपाक्स का संक्रमित जानवर इंसान को काट लें, तो उससे भी मंकीपाक्स इंसान में फैल सकता है, साथ ही यदि इंसान द्वारा किसी मंकीपाक्स से संक्रमित जानवर का मांस खाया जाए, तो उससे भी मंकीपाक्स इंसानों में हो सकता है।

मंकीपाक्स के लक्षण

मंकीपाक्स के मुख्य लक्षण है कि इससे संक्रमित व्यक्ति में 10 से 12 दिनों के अंदर लक्षण दिखाई देने लगते है, जैसे- बुखार, सरदर्द, ऊल्टी, शरीर पर छोटे- छोटे चपटे होना आदि मंकीपाक्स के लक्षण है। संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फिर संक्रमित व्यक्ति को छूने से भी हो सकता है।

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