प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को सामाजिक व्यवहारों से कराया जाएगा अवगत
हिमाचल। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को खासकर की छात्राओं को स्वास्थ्य व सामाजिक व्यवहारों के साथ बढ़ती उम्र में होने वाले शारिरिक परिवर्तन के बारे में बताया जाएगा, साथ ही उन्हें अच्छे व बुरे स्पर्श के अंतर को भी समझाया जाएगा, इसके लिए शिविरों का आयोजन किया जाएगा। छात्राओं को स्वयं की रक्षा करने व जागरुक रखने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बाल आयोग ने शिक्षा विभाग को जारी किया पत्र
शिक्षा विभाग को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जागरुकता अभियान कार्यक्रम के आयोजन के लिए पत्र जारी किया गया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष द्वारा पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों में समय- समय पर जागरुकता शिविर लगाए जाए, साथ ही विद्यालयों में बाल दुर्व्यवहार व यौन शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाए।
अध्यापकों को दिया जाएगा अलग से प्रशिक्षण
आयोग की ओर से भेजे गए पत्र को उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा द्वारा सभी उपनिदेशकों को भेज दिया गया है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस जागरुकता अभियान को चलाने के लिए अध्यापकों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा कहा गया कि बहुत बार बच्चे जान नहीं पाते कि उनके साथ क्या कुछ गलत हो रहा है, साथ ही कई बार परिस्थितियां ऐसी भी आती है कि वह डर जाते है व अपने डर को किसी को बता भी नहीं पाते और स्थिति ऐसी आती है कि वह डर उनको अंदर ही अंदर खाने लगता है।
बच्चों को जागरुक करना आवश्यक
बच्चों के मन से डर को बाहर निकालने, जागरुक करने व उनके स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए उन्हें जागरुक करना बहुत जरुरी है। बात अगर छात्राओं की करें तो उनकी बढ़ती उम्र में होने वाले शारीरिक परिवर्तन के लिए भी उन्हें समय से जागरुक करना अति आवश्यक है, ताकि वह अपने स्वास्थ्य से लेकर खान- पान व सेहत से जुड़ी तमाम जरुरी बातों को ध्यान में रखकर समझ सकें।