जी-20 में चीन की BRI योजना को लेकर भारत और इटली की चुनौती, भारत के लिए बड़ी जीत
रोम/न्यू दिल्ली, 10 सितंबर 2023: जी-20 की बैठक के दौरान भारत ने चीन के “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (BRI) को लेकर चुनौती दी और इटली ने इस योजना से निकलने की संकेत दिया, जिससे भारत के लिए बड़ी जीत हुई।
चीन की BRI योजना क्या है? चीन के “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (BRI) का उद्घाटन साल 2013 में हुआ था, जिसके माध्यम से चीन दुनिया के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने का काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन एशिया, मिडिल ईस्ट, यूरोप, और अफ्रीका को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है।
भारत की चुनौती: भारत का कहना है कि BRI योजना उनके क्षेत्र में चीन के कब्जे वाले क्षेत्रों में जाती है, जो गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में आते हैं। भारत इसे एक सुविधा और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन मानता है, और इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन भी बताता है।
इटली का फैसला: इटली ने बीआरआई परियोजना से बाहर निकलने का फैसला लिया है और उसके विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने इसे “अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं दिया” कहा है। इसके साथ ही कई अन्य नेताओं ने भी इसका विरोध किया है।
भारत की जीत: इटली की BRI से बाहर निकलने की घोषणा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस योजना के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को रोकने का प्रयास कर रहा है। यह स्थिति भारत के क्षेत्रीय सुरक्षा और सूर्योदय क्षेत्र के साथ-साथ उसके अपने अक्षम्यता को दिखाती है।
इस विकल्प के साथ, इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह संकेत दिया है कि वह इटली के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने की इच्छा रखते हैं, लेकिन BRI से हटने की योजना बना रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, जी-20 में चीन के “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (BRI) के प्रति भारत और इटली के चुनौती ने एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया। भारत ने चीन के BRI योजना के खिलाफ अपनी सावधानी और क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा की, जबकि इटली ने इस योजना से निकलने का निर्णय लिया, जिससे यह जी-20 में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।