देश में ऊर्जा की बढ़ती मांग व कोयले की किल्लत के चलते भारत अब 76 मिलियन टन कोयले का करेगा आयात

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देश में दिन- प्रतिदिन ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है, वहीं कोयले की किल्लत भी चल ही रही है, अब ऊर्जा की बढ़ती मांग व कोयले की किल्लत को देखते हुए भारत 76 मिलियन टन कोयले का आयात करने वाला है। भारत ने अपने बिजली संयंत्रों में जीवाश्म ईंधन की कमी को देखते हुए कोयले का आयात करने का फैसला किया है।

थर्मल एनर्जी का योगदान भारत की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने में अधिक रहा है। थर्मल एनर्जी दशकों से ही ऊर्जा का मुख्य आधार रहा है। 403.75 गीगावॉट थर्मल एनर्जी का कुल हिस्सा देश में है, जिसकी क्षमता 51 फीसदी तक की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इसकी पुष्टि की गई है।

दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा कोयला उत्पादक देश भारत है, इसके बावजूद भी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत को कोयले के आयात पर ही निर्भर रहना पड़ता है। भारत ने अप्रैल और जून माह के समय 92 लाख टन कोयले का आयात किया है।

घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत को कोयले का आयात करना ही पड़ता है, हालांकि भारत खुद कोयला उत्पादक दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा देश है, लेकिन तभी भी भारत को कोयले का आयात करना ही पड़ता है, वहीं अब फिर से भारत 76 मिलियन टन कोयले का आयात करने वाला है, ताकि बारिश के मौसम में होने वाली परेशानियों से बचाव किया जा सके, किसी को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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