जिला कांगड़ा में बारिश न होने से किसानों की बढ़ी मुश्किलें, सूखने लगी मक्की व चरी बाजरा की फसल
हिमाचल। धर्मशाला समेत कांगड़ा जिले में बारिश न होने से लोगों की समस्याओं के साथ ही किसानों की समस्याएं भी बढ़ी हुई है, जून माह में गर्मी ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है, लोगों का गर्मी से हाल बुरा चल रहा है। मैदानों में गर्मी के प्रचंड प्रकोप से चलते पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे है। धर्मशाला में पारा 37 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा हुआ है, वहीं कांगड़ा जिले की बात करें तो यहां पर 40 डिग्री सेल्सियस के पार तापमान दर्ज किया गया है।
तपती गर्मी के चलते खेतों में नहीं बन पा रही नमी
जिले में बढ़े इतने तेज पारे के बीच किसानों की समस्याएं बढ़ी हुई है, दरअसल किसानों ने महीने के शुरुआती दौर में ही अपने खेतों में मक्की व चरी बाजरा की फसल बो दी थी, लेकिन अब बारिश के न होने से फसल के खराब होने का डर किसानों को सता रहा है। बीते दिन से जिले में बारिश होने के आसार नजर आ रहे है, लेकिन हल्की बूंदाबांदी होने पर ही फिर से मौसम साफ नजर आ रहा है। तपती गर्मी के चलते खेतों में नमी भी नहीं बन पा रही है, किसानों द्वारा फसलों में बराबर पानी डाला जा रहा है, लेकिन तापमान इतना तेज है कि पानी डालने पर भी पता नहीं चल रहा है, कि पानी डाला भी था, या नहीं।
चरी बाजरा व मक्की की फसल लगाने पर पछता रहे किसान
समय से अपने खेतों में मक्की व चरी बाजरा की फसल लगाने वाले किसानों को अब पछतावा हो रहा है, बारिश के न होने से सिंचाई का अभाव चल रहा है, और फसल सूखने लगी है। किसानों को दोहरी मार का डर सता रहा है, एक ओर बिजाई गई फसल का सूखने का डर और दूसरी ओर चरी बाजरा व मक्की की फसल से पशुओं के लिए जो चारा उपलब्ध होता है, वह फसल सूखने से नहीं बच पाएगा।
बारिश न होने से समय से नहीं लगाई गई धान की फसल
किसानों के सामने कड़ी समस्या खड़ी हो रखी है, वहीं बारिश के न होने से इस बार धान की फसल भी नहीं लगाई गई है, इन दिनों में धान की फसल लगा दी जाती थी, लेकिन बारिश के न होने से धान की फसल लगाने में भी देरी हो रही है। किसान लगातार बादलों को निहार रहे है, कि कब बारिश हो, और कब धान की फसल लगाई जाए, साथ ही नुकसान होने वाली फसलों को भी बचाया जा सके।