हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गहराया पेयजल संकट, चौथे दिन भी नहीं मिला पानी
हिमाचल। राजधानी शिमला में पानी का संकट गहरा रखा है, राजधानी के विभिन्न इलाकों में टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई किया जा रहा है, वहा मंत्रियों के घरों से लेकर स्कूल, मंदिर, लोगों के घरों में टैंकर के माध्यम से पानी पहुंच रहा है। गर्मी के प्रचंड प्रकोप से जल श्रोतों में पानी की कमी हो गई है, जिसके चलते लोगों को टैंकर के आने का इंतजार करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं टैंकर के पानी की भी पर्याप्त मात्रा में पूर्ति नहीं हो पा रही है, लोगों की लंबी- लंबी लाइनें पानी भरने के लिए लगी हुई है।
कई इलाकों में चौथे दिन भी नहीं पहुंचा पानी
टैंकर के इंतजार में भी घंटों पहले ही लाइन लग जा रही है। शिमला में पानी को लेकर लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही है, कई इलाकों में तो चौथे दिन भी पानी नहीं पहुंच पाया। टैंकर के इंतजार में देर रात तक लोगों की लाइनें लगी रही। इससे पहले वर्ष 2018 में भी शिमला में पानी की ठीक इसी प्रकार की समस्या देखी गई थी, और आज भी लोगों का ठीक वहीं हाल देखा जा रहा है। बीते दिन पेयजल कंपनी द्वारा शिमला के विभिन्न इलाकों में 45 पानी से भरे टैंकरों को भेजा गया, तब कहीं जाकर लोगों को पानी मिला।
जलस्तर घटने से सप्लाई घटी
पेयजल कंपनी के जीएम आरके वर्मा ने बताया कि जलस्तर घटने से सप्लाई घटी है, कंपनी तीसरे दिन शहर में पानी देने का प्रयास कर रही है। हालांकि आबादी के मुकाबले उतना पानी नहीं पहुंचाया जा रहा, लेकिन लोगों के खाने व पीने के लिए पर्याप्त पानी पहुंचाया जा रहा है। प्रचंड गर्मी के कारण हिमाचल प्रदेश की 9500 में से 750 पेयजल परियोजनाओं में 25 से 30 फीसदी पानी कम हो गया है।
पानी की कमी होने से लोगों में मचा हाहाकार
पानी की कमी होने से शहर में हाहाकार मचा हुआ है। तपती गर्मी में हर किसी को पानी की जरुरत है, लेकिन पानी न होने से लोगों को कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की जल पूर्ति के लिए ब्यास से जो बड़ी-बड़ी परियोजनाएं अन्य क्षेत्रों के लिए बनाई गई हैं, उन्हें प्रभावित परियोजनाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि लोगों के लिए पानी पर्याप्त हो सके।
पेयजल का दुरुपयोग करने पर काटा जाएगा कनेक्शन
जलशक्ति विभाग ने आदेश जारी किया है कि कोई भी पेयजल का दुरुपयोग न करें, साथ ही यदि कोई पेयजल का दुरुपयोग करते हुए पाया गया तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। किसी भी हाल में पानी का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।