कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटा, पांच मकान क्षतिग्रस्त, तीन पुल भी बह गए
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में मंगलवार अल सुबह करीब 4:00 बजे बादल फटने से भारी तबाही हुई है. बादल फटने से पंचानाला और हुरला नाला में बाढ़ आ गई। इससे पांच मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 15 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। तीन पुल भी बाढ़ में बह गए हैं। इसके साथ ही भुंतर-गड़सा मनियार सड़क मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई है. सरकारी व निजी भूमि को नुकसान के साथ ही कुछ मवेशी भी बह गए हैं। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार भुंतर मौके के लिए रवाना हो गए हैं।
बादल फटने की घटना के बाद गड़सा घाटी में अफरातफरी मच गई। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। नालों में बाढ़ आने के बाद लोगों में अफरातफरी मच गई। हालांकि, बादल फटने की घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। पिछले 16 दिनों में कुल्लू में 12 से अधिक बादल फटने की घटनाओं से पर्यावरणविद व स्थानीय लोग चितिंत हो गए हैं।
बादल फटने का कारण
बादल फटने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, माना जा रहा है कि मानसून के सक्रिय होने और अधिक बारिश होने के कारण बादल फटा होगा। बादल फटने से क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
बादल फटने से बचाव के उपाय
बादल फटने से बचाव के लिए कुछ उपाय हैं. इनमें शामिल हैं:
- बादल फटने की चेतावनी मिलने पर घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना
- नालों और नदियों के किनारे नहीं जाना
- ऊंची जगहों पर जाना
- पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना
- भारी बारिश के दौरान यात्रा नहीं करना
- अपने आसपास के वातावरण को ध्यान में रखना
बादल फटने एक प्राकृतिक आपदा है। इसकी चपेट में आने से बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान हो सकता है। बादल फटने से बचाव के लिए इन उपायों का पालन करना चाहिए।