युद्ध व सैन्य अभियानों के दौरान बलिदानी व दिव्यांग कर्मियों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 39 साल बाद किया गया बदलाव

Spread the love

हिमाचल। युद्ध व सैन्य अभियानों के दौरान बलिदानी व दिव्यांग सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है, जो छात्रवृत्ति इनके बच्चों को दी जाती है, उसमें अब 39 साल बाद बदलाव किया गया है। वर्ष 1983 से इन बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है, इस छात्रवृत्ति में अभी तक 200 रुपये प्रतिमाह का ही प्रावधान था, लेकिन अब इसमें बदलाव करके इसे 1500 रुपये प्रतिमाह यानी 18 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाएगी।

सीएम जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में की छात्रवृत्ति बढ़ाने की घोषणा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा बजट भाषण में इसकी घोषणा की गई, वहीं बीते दिन मंत्रिमंडल की बैठक में इसे स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही आइआरडीपी छात्रवृत्ति योजना को बंद कर दिया गया है। वर्ष 1991 से इस छात्रवृत्ति की राशि को बढ़ाया नहीं गया था, लेकिन अब इसमें बढ़ोत्तरी करके इसे मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना के नाम से शुरु किया जाएगा।

विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की छात्रवृत्ति दर बढ़ाने को भी दी गई मंजूरी

बीते दिन की मंत्रिमंडल बैठक में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की छात्रवृत्ति दर बढ़ाने को मंजूरी दी गई है, जिसमें महर्षि वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति 9000 से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है, वहीं इंदिरा गांधी उत्कृष्ट छात्रवृत्ति योजना की राशि 10000 से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रतिवर्ष की गई है। अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति की बात करें तो अनुसूचित जाति के छात्रों को डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत मिलने वाली राशि 12000 से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रतिवर्ष की गई है। ठीक इसी तरह कई सारी छात्रवृत्ति योजना की राशि बढ़ाई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *