चंद्रयान-2 ने विक्रम लैंडर से कहा ‘Welcome, buddy!’

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23 अगस्त, 2023: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक महत्वपूर्ण मिशन के रूप में चंद्रयान-3 की शुरुआत की है, जिससे यह देश चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर पहला देश बन सकता है। इस मिशन के माध्यम से चंद्रयान-3 का लक्ष्य 25 अगस्त को साउथ पोल पर उतरना है, जोकि दुनिया में पहली बार होगा।

चंद्रयान-3 मिशन के प्रमुख घटक में से एक, विक्रम लैंडर, ने चंद्रमा की सतह तक पहुंचने की प्रियोरिटी को ध्यान में रखते हुए 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे एक बार फिर लौटने का प्रयास किया। यह प्रयास दूसरे और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन के परिणामस्वरूप हुआ, जिसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम और अधिकतम दूरी निर्धारित हुई है।

इस मिशन में चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर और विक्रम लैंडर के बीच संपर्क स्थापित किया गया है, जिससे संचार सुनिश्चित हो सके। ऑर्बिटर ने लैंडर के प्रति स्वागत का संदेश देते हुए कहा, ‘स्वागत है दोस्त!’ यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो इस मिशन के अगले चरण में विशेष महत्व रखता है।

इसरो के प्रमुख वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रयान-3 का सबसे महत्वपूर्ण चरण 23 अगस्त की शाम को होगा, जब लैंडर को चंद्रमा की सतह तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जाएगा। यही समय मिशन के लिए सबसे क्रिटिकल होगा, क्योंकि लैंडर को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने के लिए उच्चतम सुरक्षा और सफलता की आवश्यकता होती है।

लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के बाद, एक प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर बाहर निकलेगा और उसे इसरो के कमांड के तहत चलाया जाएगा। रोवर के पहिए चंद्रमा की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ेंगे, जिससे इस महत्वपूर्ण मोमेंट की यादगारी बनेगी।

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