भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिमाचल का एक भी नेता शामिल नहीं है, पंजाब को मिल गई जगह
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी का बहुप्रतीक्षित सांगठनिक पुनर्गठन करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नए केंद्रीय पदाधिकारियों की आज घोषणा कर दी, जिनमें नौ महिलाएं एवं दो मुस्लिम शामिल हैं। नई टीम में हिमाचल के किसी भी नेता का नाम शामिल नहीं है। यानी कि हिमाचल को इसमें जगह नहीं मिली है।
राज्यवार बात करें तो छत्तीसगढ़ से तीन, राजस्थान से तीन, मध्य प्रदेश से तीन, उत्तराखंड से एक, झारखंड से दो, बिहार, दिल्ली, केरल, तेलंगाना और पंजाब से दो-दो, असम, ओडिशा और नागालैंड से एक-एक नेता को कार्यकारिणी में जगह दी गई है, जबकि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से सात नेताओं को नई टीम में स्थान मिला है।
पार्टी महासचिव एवं केंद्रीय कार्यालय के प्रभारी अरुण सिंह ने आज सुबह यह सूची जारी की, जिसमें 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आठ राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, सहसंगठन महामंत्री, 13 राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं सह कोषाध्यक्ष शामिल हैं। इन पदाधिकारियों में नौ महिलाएं हैं। राष्ट्रीय महासचिवों में इस बार किसी महिला को स्थान नहीं मिला है, लेकिन 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में पांच और 13 राष्ट्रीय सचिवों में चार महिलाएं हैं।
भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिमाचल के किसी भी नेता को शामिल नहीं किए जाने को लेकर प्रदेश में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की हिमाचल के प्रति उदासीनता का प्रतीक है, जबकि कुछ का कहना है कि यह प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक कमजोरियों को दर्शाता है।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा पिछले कुछ वर्षों से लगातार चुनाव हार रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को भारी बहुमत से हराया था, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा को तीन में से दो सीटों पर शिकस्त दी थी।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक कमजोरियों को लेकर भी कई तरह की बातें कही जाती हैं। कहा जाता है कि प्रदेश में भाजपा के नेताओं के बीच आपसी मतभेद हैं, जिससे पार्टी का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, कहा जाता है कि भाजपा के नेताओं को जनता से जुड़ने में कठिनाई हो रही है, जिससे पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिमाचल के किसी भी नेता को शामिल नहीं किए जाने को लेकर प्रदेश के भाजपा नेताओं में भी नाराजगी है। कई नेताओं ने कहा है कि यह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की हिमाचल के प्रति उदासीनता का प्रतीक है। उन्होंने कहा है कि हिमाचल भाजपा का एक महत्वपूर्ण राज्य है और पार्टी को यहां चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के नेताओं को शामिल करना चाहिए।
भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिमाचल के किसी भी नेता को शामिल नहीं किए जाने से प्रदेश में भाजपा के लिए चुनाव जीतना और भी मुश्किल हो जाएगा। पार्टी को प्रदेश में संगठनात्मक रूप से मजबूत होने और जनता से जुड़ने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।