हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं के लिए पशुपालन विभाग ने की अधिसूचना जारी, पढ़िए पूरी खबर

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हिमाचल।  प्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप आए दिन बढ़ता जा रहा है, हर दिन लंपी वायरस की चपेट में आकर पशुओं की मौत हो रही है। कहीं किसी दुधारु पशु की मौत हो रही है, तो कहीं किसी छोटे बछड़े को ही लंपी वायरस अपनी चपेट में ले रहा है। अब तो गाय के साथ ही भैंसे भी इस वायरस की चपेट में आने लग गई है। आए दिन पशुपालकों को अपनी गायों की मौत देखने पड़ रही है, लेकिन अब पशुपालन विभाग द्वारा लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं के लिए अधिसूचना जारी की गई है।

पशु की मौत पर दिया जाएगा मुआवजा 

इसमें बताया गया है कि अब यदि किसी भी पशु की लंपी वायरस से मौत होगी तो सरकार उस पशु के पशुपालक को उचित मुआवजा देगी, और यह मुआवजा जिला के उपायुक्त के माध्यम से दिया जाएगा। पशुपालक मुआवजा लेने के लिए पहले डॉक्टर से वेटरनरी सर्टिफिकेट लाएंगे, जिसमें डॉक्टर द्वारा लिखा होगा कि इस पशु की मौत लंपी वायरस से ही हुई है, तब जाकर पशुपालक को पशु की मौत का मुआवजा दिया मिलेगा।

राजस्व विभाग की ओर से  दिया जाएगा मुआवजा

राजस्व विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा, वहीं मुआवजा पशुओं की नस्ल के आधार पर दिया जाएगा। दुधारु पशु की मौत होने से आपदा राहत कोष से 30 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा, बाकी पशुओं की नस्ल के आधार पर ही मिलेगा। प्रदेश में बढ़ते लंपी वायरस को देखते हुए पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा बताया गया कि लंपी वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार उचित कदम उठा रही है। लंपी रोग को लेकर सरकार भी गंभीर हो रखी है।

आए दिन पशुओं की मौत हो रही है, इससे जल्द ही निपटने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल तब तक सभी पशुपालकों से पशुओं का ध्यान रखने के साथ ही कहा गया है कि यदि किसी पशु में लंपी लक्षण दिखाई दिए तो तत्काल प्रभाव से उसे पशु डॉक्टर को दिखाए।

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