लंपी चर्म रोग से पशुधन को बचाने के लिए वैक्सीनेशन करने में जुटा पशुपालन विभाग
हिमाचल। प्रदेश में लंपी वायरस का कहर पशुओं पर जमकर बरस रहा है, अभी तक लंपी संक्रमण की चपेट में आने से कुल 137 पशुओं ने दम तोड़ दिया है। पशुधन को बचाने के लिए अब पशुपालन विभाग वैक्सीनेशन में जुट चुका है, ताकि पशुधन को सुरक्षित रखा जा सका। जिस तरह से प्रदेश में लंपी वायरस फैल रहा है, उसे देख यही अनुमान लगाया जा रहा है, कि शायद ही कोई पशु इसकी चपेट में आने से बचेगा। अब पशुओं के बचाव के लिए वैक्सीनेशन किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह वैक्सीनेशन उन पशुओं पर किया जा रहा है, जो लंपी से संक्रमित नहीं है।
संक्रमित पशु को नहीं लगाई जा रही वैक्सीन
लंपी वायरस से संक्रमित पशु पहले ही कमजोर हो रखा है, जिसके चलते वह वैक्सीनेशन को सहन न कर पाए, इसके चलते उन्हें अभी वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है, उन्हें चिकित्सक के परामर्शानुसार ही वैक्सीन दी जाएगी। फिलहाल उन पशुओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, जो लंपी की चपेट में नहीं है। ताकि इन पर लंपी वायरस का कोई खतरा न बन सके। लंपी वायरस भैंसे को भी संक्रमित कर रहा है, लेकिन इनकी मुकाबले गायों की संख्या लंपी रोग से ज्यादा है।
घर- घर जाकर किया जा रहा पशुओं का वैक्सीनेशन
लंपी रोग से पशुधन को बचाने के लिए अभी 17 हजार डोज ही मिली है, जल्द अन्य डोज भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पशुपालन विभाग की फील्ड टीम द्वारा घर- घर जाकर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिला कांगड़ा की बात करें तो यहां पर अधिकतर परिवारों का रोजगार पशुधन ही है, अब पशुओं के संक्रमण की चपेट में आने से पशुपालकों की चिंताएं बढ़ी हुई है। पशुओं की मौत से पशुपालक दुखी चल रहे है, लेकिन अब वैक्सीनेशन शुरु होने से पशुओं को लंपी रोग से बचाया जा रहा है।